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Saraswati Vidyapeeth Awaseey Vidyalaya Shivpuri

Fatehpur Road, Shivpuri, Madhya Pradesh, India

"चलें संस्कारित शिक्षा से सफलता की ओर "

सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में प्रारंभ हुआ स्वदेशी जागरण सप्ताह

शिवपुरी – विद्याभारती मध्यभारत प्रांत की योजनानुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंच परिवर्तन विषयों में से एक “स्व” का बोध विषय के अंतर्गत स्वदेशी का भाव जागृत करने के उद्देश्य से स्वदेशी जागरण सप्ताह का आज सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय शिवपुरी में किया गया। यह स्वदेशी जागरण सप्ताह पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती (25 सितम्बर) से महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती (02 अक्टूबर) तक चलाया जाएगा। इस निमित्त छात्रों में “स्व” का बोध कराने के उद्देश्य से विभिन्न आयोजन किए जाएंगे।

स्वदेशी जागरण सप्ताह के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि श्री महेन्द्र सिंह रघुवंशी प्रादेशिक सह सचिव विद्याभारती मध्यभारत प्रांत एवं विशिष्ट अतिथि श्री पवन शर्मा प्रबंधक सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय शिवपुरी एवं श्री लोकेंद्र सिंह मेवाड़ा प्राचार्य सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय शिवपुरी रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती, ॐ , भारत माता एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित कर सरस्वती वंदना से किया गया। मंचस्थ अतिथियों का स्वागत विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री पुरुषोत्तम शर्मा एवं श्री प्रदीप सिंह चौहान ने तिलक लगाकर एवं श्रीफल भेंट कर किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से श्री महेन्द्र सिंह रघुवंशी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र के विकास एवं विश्वगुरु बनाने के लिए स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग जरूरी है “स्वदेशी वस्तुओं” से आशय हमारे देश में, हमारे देश के लोगों के हाथों से निर्मित वस्तुओं से है इससे न केवल लोगों को रोजगार मिलेगा अपितु देश का पैसा भी देश में ही रहेगा जिससे देश की अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी। वहीं विदेशी वस्तुओं के उपयोग से देश के युवा रोजगार से वंचित हो जाएंगे साथ ही देश का पैसा भी विदेशों को जाएगा, विदेशी उस पैसे का उपयोग हमारे देश में असांस्कृतिक कार्यों जैसे – धर्मांतरण, आतंकी गतिविधियों आदि में उपयोग करते हैं। इसलिए जब भी बाजार जाएंगे – माल स्वदेशी लाएंगे को सदैव स्मरण में रखना होगा।

कार्यक्रम का सफल संचालन एवं आभार विद्यालय के बौद्धिक प्रमुख श्री अवनीश श्रीवास्तव ने किया।

इस अवसर समस्त आचार्य एवं छात्र उपस्थित रहे।